ईरान इज़राइल संकट 2024 के बीच तनाव और संघर्ष की स्थिति।

ईरान-इज़राइल संकट 2024: तनाव के पीछे की वजह और दुनिया पर असर

ईरान-इज़राइल संकट 2024 : तनाव का इतिहास और कारण

ईईरान और इज़राइल के बीच लंबे समय से वैचारिक और राजनीतिक टकराव है।
ईरान, इज़राइल को अपने लिए एक बड़ा खतरा मानता है, जबकि इज़राइल को ईरान के
बढ़ते परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल सिस्टम से डर है। इस संकट के पीछे कुछ मुख्य कारण शामिल हैं:

परमाणु हथियार: ईरान का परमाणु कार्यक्रम वर्षों से चिंता का कारण बना हुआ है।
इज़राइल का मानना है कि अगर ईरान परमाणु हथियार विकसित कर लेता है,
तो यह पूरे क्षेत्र के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा।

प्रॉक्सी गतिविधियाँ: ईरान कई प्रॉक्सी संगठनों को समर्थन देता है, जो इज़राइल के खिलाफ हमलों में शामिल हैं।
इज़राइल का दावा है कि ये संगठन सीधे ईरानी सेना से फंड और निर्देश प्राप्त करते हैं।

हाल की घटनाएँ और मिसाइल हमले

इज़राइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने हाल ही में ईरान पर मिसाइल हमलों का आरोप लगाया।
ईरान ने अप्रैल और अक्टूबर 2024 में इज़राइल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी,
जिनमें कई इज़रायली नागरिक और सैन्य ठिकाने निशाने पर थे।
इन हमलों ने इज़राइल को गंभीर जवाबी कार्रवाई करने पर मजबूर कर दिया,
जिसके परिणामस्वरूप कई ईरानी सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए गए।

तीन देशों का एयरस्पेस बंद

ईरान, सीरिया, और इराक ने हाल की घटनाओं के बाद अपने एयरस्पेस को बंद करने का निर्णय लिया।
इस कदम का उद्देश्य नागरिक विमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और क्षेत्रीय सुरक्षा को बनाए रखना है।
FlightRadar24 जैसी फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट्स के अनुसार, इन देशों के ऊपर से किसी भी
फ्लाइट को गुजरने की अनुमति नहीं है, जो इस संकट की गंभीरता को दर्शाता है।

इज़राइल का सख्त रुख

इज़राइली प्रधानमंत्री और आईडीएफ के अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि अगर ईरान इस तनाव को बढ़ाता है,
तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इज़राइल का दावा है कि ईरानी मिसाइलों का निर्माण उन्हीं ठिकानों पर हो रहा है,
जिन्हें हाल के हमलों में निशाना बनाया गया है। यह कार्रवाई इज़राइल की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया कदम है।

ईरान-इज़राइल संकट 2024 :अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस संकट ने अमेरिका और यूरोपीय देशों की चिंताओं को भी बढ़ा दिया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इज़राइली अधिकारियों से स्थिति को संभालने का आग्रह किया है
और अनावश्यक टकराव से बचने के लिए चेतावनी दी है। कई देशों ने इस संकट में अपने नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

इस संकट का वैश्विक प्रभाव

मध्य पूर्व में इस प्रकार के तनाव के प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ सकते हैं। तेल के दामों में उतार-चढ़ाव,
सुरक्षा चिंताओं में वृद्धि, और वैश्विक शांति प्रयासों पर इसका असर पड़ना संभव है।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कूटनीति पर भी इस संकट का सीधा प्रभाव पड़ सकता है।

निष्कर्ष

ईरान-इज़राइल संकट 2024 के कारण बढ़ते तनाव ने मध्य पूर्व को एक अस्थिर स्थिति में ला खड़ा किया है।
यदि स्थिति का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो यह वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन सकता है।
इस विवाद का हल केवल कूटनीतिक बातचीत से संभव हो सकता है,
लेकिन फिलहाल यह संकट किस दिशा में जाएगा, कहना मुश्किल है।