Skill India के तहत तकनीकी कौशल की अत्यावश्यकता
Skill India पहल ने भारतीय कंपनियों को तकनीकी कौशल के साथ कई नई चुनौतियाँ पेश की हैं।
तेजी से बदलती तकनीक और बढ़ती स्किल की मांग ने कंपनियों के सामने एक नई वास्तविकता प्रस्तुत की है।
‘SkillScape 2024’ रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों को अपने कर्मचारियों को प्रोजेक्ट-रेडी बनाने के लिए
तकनीकी क्षमताओं की अत्यधिक आवश्यकता है। डेटा साइंस, एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा, और IoT जैसे
क्षेत्र अब कंपनियों की प्राथमिकता बन गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 55 प्रतिशत कंपनियाँ इन क्षेत्रों को अत्यंत महत्वपूर्ण मानती हैं,
लेकिन सार्वजनिक पाठ्यक्रम अक्सर इन आवश्यकताओं को पूरा करने में असमर्थ रहते हैं।
भर्ती में मुश्किलें और कौशल की कमी
कौशल भारत के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कंपनियाँ कुशल पेशेवरों की भर्ती में
गंभीर समस्याओं का सामना कर रही हैं। 72 प्रतिशत कंपनियाँ मानती हैं कि उन्हें सही
विशेषज्ञ प्राप्त करने में मुश्किलें आ रही हैं। नए नौकरी की भूमिकाओं की वृद्धि के कारण,
50 प्रतिशत कंपनियाँ सोचती हैं कि उभरती भूमिकाएँ स्किलिंग परिदृश्य को बदल देंगी।
इस प्रतिभा की कमी के कारण कंपनियाँ अपनी बढ़ती जरूरतों को पूरा करने में कठिनाई का सामना कर रही हैं।
Skill India के तहत कौशल आकलन की कमी
कौशल आकलन की कमी भी एक महत्वपूर्ण समस्या है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है
कि केवल 20 प्रतिशत कंपनियाँ नियमित रूप से अपने कर्मचारियों के कौशल का आकलन करती हैं।
इसका परिणाम यह होता है कि कर्मचारियों के पास पुराना ज्ञान रहता है और नवाचार में कमी आती है।
हालांकि, 68 प्रतिशत कंपनियाँ प्रशिक्षण के बाद ROI मापने के लिए आकलन करती हैं,
लेकिन तीसरे पक्ष के आकलनों की तैयारी की कमी चिंता का विषय बनी हुई है।
वर्क-इंटीग्रेटेड लर्निंग की महत्ता
कंपनियाँ अब Tier-1 विश्वविद्यालयों से प्रमाणपत्र प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं।
71 प्रतिशत कंपनियाँ ऐसे प्रमाणपत्रों को महत्वपूर्ण मानती हैं जो प्रशिक्षण कार्यक्रमों की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं
और शीर्ष प्रतिभा को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, वर्क-इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम्स (WILP) भी लोकप्रिय हो रहे हैं।
ये प्रोग्राम औपचारिक शिक्षा को वास्तविक दुनिया के अनुभवों के साथ जोड़ते हैं, जिससे बेहतर ज्ञान प्राप्त होता है
और कौशल का तात्कालिक अनुप्रयोग संभव होता है।
Skill India और SMEs पर निर्भरता, नेतृत्व विकास की चुनौतियाँ
Skill India की दृष्टि में, आंतरिक विषय विशेषज्ञों (SMEs) पर अत्यधिक निर्भरता स्थायित्व और
स्केलेबिलिटी की समस्याएँ पैदा कर सकती है। इसके अलावा, नेतृत्व विकास पर जोर देते हुए,
61 प्रतिशत कंपनियाँ परिवर्तन प्रबंधन और संगठनात्मक लचीलापन को महत्वपूर्ण मानती हैं।
नियमित कौशल आकलन और वर्क-इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम्स की सिफारिश की जाती है
ताकि कंपनियाँ तेजी से बदलती तकनीकी परिदृश्य में प्रतिस्पर्धी बनी रहें।
निष्कर्ष
Skill India पहल के तहत, भारतीय कंपनियाँ तकनीकी प्रगति और कौशल की मांग के साथ
तालमेल बिठाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। प्रभावी L&D (Learning and Development) रणनीतियों के माध्यम से,
वे एक भविष्य-तैयार workforce बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही हैं। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है,
जहाँ कंपनियाँ अपने कर्मचारियों को न केवल मौजूदा कौशल प्रदान कर सकती हैं,
बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार कर सकती हैं।
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